1. उचà¥à¤š वोलà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ पर धारा ले जाने वाले तार में धारा चालू करते ही तार पर बैठी चिड़िया उड़ जाती है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
- धारा चालू करते ही चिड़िया के शरीर में पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ धारा बहने लगती है। उसके दोनों पंख विपरीत धाराओं के कारण परसà¥à¤ªà¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¥à¤·à¤¿à¤¤ होकर फैल जाते हैं। अतः चिड़िया विदà¥à¤¯à¥à¤¤à¥ धारा चालू करते ही उड़ जाती है।
2. पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° कà¥à¤•à¤° में खाना जलà¥à¤¦à¥€ बनता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
- पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दà¥à¤°à¤µ à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ वायà¥à¤®à¤‚डलीय दाब और तापमान पर ही उबलता है। लगातार गरà¥à¤® करने पर सà¤à¥€ दà¥à¤°à¤µ उबलना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ कर देते हैं। दबाव बढ़ने पर दà¥à¤°à¤µ का कà¥à¤µà¤¥à¤¨à¤¾à¤‚क बढ़ जाता है जिसके कारण दà¥à¤°à¤µ अधिक ताप पर उबलता है। इसी गà¥à¤£ का उपयोग पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° कà¥à¤•à¤° में किया जाता है। पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° कà¥à¤•à¤° à¤à¤²à¥à¤¯à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¤® जैसी मजबूत धातॠका बना होता है। इसके ढकà¥à¤•à¤¨ के ऊपर à¤à¤¾à¤ª-नियंतà¥à¤°à¤• ( सीटी) लगा होता है। चूà¤à¤•à¤¿ दकà¥à¤•à¤¨ à¤à¤¯à¤°-टाइट होता है इसलिठà¤à¤¾à¤ª बाहर नहीं निकल पाती। इससे अंदर का दाब बढ़ने लगता है, जिससे खाना जलà¥à¤¦à¥€ पक जाता है।
3. पंखा आपको गरà¥à¤®à¥€ में ठंडक पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¤à¤¾ है लेकिन इसी पंखे की हवा से बरà¥à¤« जलà¥à¤¦à¥€ पिघलती है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
- गरà¥à¤®à¥€ के दिनों में वातावरण की हवा का तापमान हमारे शरीर की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में अधिक होता है, इसे नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठशरीर से पसीना निकलता है। यह पसीना शरीर की ऊषà¥à¤®à¤¾ का उपयोग करके ही वाषà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होता है। पंखे की हवा से वाषà¥à¤ªà¤¨ की गति बढ़ जाती है और हमें ठणà¥à¤¡à¤• की अनà¥à¤à¥‚ति होती है। कमरे में रखी हà¥à¤ˆ बरà¥à¤« का तापमान कमरे की हवा की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बहà¥à¤¤ कम होता है। हवा की गरà¥à¤®à¥€ से बरà¥à¤« सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही लगातार पिघलती रहती है। बरà¥à¤« की सतह के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में रहने वाली हवा की परत ठंडी हो जाती है। पंखा चलाने से हवा की यह परत लगातार बदलने लगती है और अपनी ऊषà¥à¤®à¤¾ बरà¥à¤« को देती रहती है इसलिठबरà¥à¤« के पिघलने की गति बढ़ जाती है।